प्रदीप सिंह – 4 अगस्त 2020 को आए UPSC के नतीजों से पहले शायद कोई इन्हें जानता होगा लेकिन नतीजों के बाद, अब शायद ही कोई ऐसा होगा जो इन्हें नहीं जानता होगा। बस यही तो अंतर पैदा होता है कड़ी मेहनत और लगन से।
AIR-1 लाने वाले प्रदीप सिंह मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत स्थित तेवड़ी गांव के रहने वाले हैं वह एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। प्रदीप ने बचपन से ही अपने पिता को खेतों में काम करते हुए देखा है इस दौरान ही उन्होंने ठान लिया था कि वो बड़े होकर अपने पिता का नाम जरूर रोशन करेंगे।
UPSC के रिजल्ट की खबर जब प्रदीप के पिता के कानों में गूंजी तो उन्होंने जिज्ञासा भरे लफ़्ज़ों में अपने बेटे से जोर से पूछा कि क्या रहा तेरा रैंक, तो बेटे ने भी उतने ही धीमे आवाज में कह डाला तेरा लाल फर्स्ट रैंक। बस फिर क्या पिता की बांहें बेटे की ओर ऐसी फैली कि बेटा सब कछ भूल पिताजी के गले लग गया।
टॉपर प्रदीप सिंह हरियाणा के सोनीपत जिले के निवासी हैं। प्रदीप सिंह ने साल 2018 भी यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें उनका रैंक 260 था। उस समय वह IRS के लिए चुने गए थे।
कठिन परिस्थितियों को पार कर गढ़ा प्रतिमान
शुरुआत में घर की कठिन परिस्थितियों के बीच प्रदीप ने किसी तरह कोचिंग ली और 2018 में यूपीएससी की परीक्षा देते हुए 260 रैंक हासिल की जिसमें उन्हें इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के तौर पर दिल्ली में पोस्टिंग मिली। लेकिन प्रदीप इतने से संतुष्ट नहीं थे उन्हें तो अपने सपने को हकीकत में बदलना था इसलिए प्रदीप ने अपनी इनकम टैक्स इंस्पेक्टर की जॉब के साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी जॉब के साथ पढ़ाई जारी रखना वाकई में काफी चुनौतीपूर्ण था लेकिन प्रदीप के हौसलों के आगे कोई अड़चन नहीं आई और उन्होंने 2019 में फिर यूपीएससी की परीक्षा दी जिसमें उन्हें पहला स्थान प्राप्त हुआ।
नौकरी के साथ-साथ की तैयारी
प्रदीप कहते हैं कि नौकरी के साथ तैयारी करना काफी कठिन था, लेकिन उन्होंने इसके लिए टाइम मैनेजमेंट की। दिल्ली इनकम टैक्स ऑफिस में डेस्क पर नौकरी थी। सुबह 9 से 6 बजे तक की नौकरी के बीच भी डेस्क का काम जल्दी निपटाकर बचे हुए समय में यहां भी पढ़ाई कर लेता। लंच के समय जल्दी लंच कर कुछ देर पढ़ाई कर लिया करता था।
उन्होंने कहा कि एक दिन में घंटे न गिनकर पूरे सप्ताह के लिए एक सिलेबस तय कर उसके अनुसार पढ़ाई किया करता था। यदि किसी दिन किसी भी कारणवश कम देर पढ़ाई कर पाया तो अगले दिन उसकी भरपाई किया करता। सप्ताह में तय सिलेबस को हर हाल में उसी सप्ताह समाप्त करता और यही सफलता की वजह भी रही है।
प्रदीप एक अधिकारी के तौर पर किसान और गरीबों के लिए काम करना चाहते हैं प्रदीप अपना गृह राज्य हरियाणा का कैडर लेना चाहते हैं। फिलहाल सोनीपत के तेवड़ी गांव और प्रदीप के घर पर खुशी और जश्न का माहौल है।
प्रदीप सिंह ने उन हज़ारों लाखों युवाओं के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर दिया है जो नौकरी के साथ-साथ तैयारी करने असंभव मानते हैं प्रदीप ने ना सिर्फ परीक्षा को पास किया बल्कि उसमें टॉप भी किया। प्रदीप ने दिखा दिया कि अगर आपने मन में कुछ ठान लिया तो उसके आगे आने वाली सभी परेशानियां काफी छोटी हो जाती हैं और आप अपनी मंजिल पा लेते हो।