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बिना किसी निजी कोचिंग के देश के सबसे कठिन परीक्षा को पास करके पूजा पार्थ कैसे बनीं IAS Pooja Parth? पढ़िए पूरी कहानी…

वो बिटिया आखिर कैसे असफल हो सकती थी जिसका इंटरव्यू स्वयं उसके पिता लेते हों और व्यक्तिव की बारीकियों को समझाते हों। अपने लक्ष्य को पाने के लिए पटवारी के पद का त्याग कर राजस्थान, कोटा की पूजा पार्थ ने बिना किसी कोचिंग IAS की परीक्षा न केवल पास की बल्कि IAS बनकर दिखाया। उनके पिता ने हर कदम पर उनका साथ देकर हौंसला तो बढाया ही और साथ ही सिविल सर्विसेस की तैयारी के दौरान मदद करने के लिए वो खुद पूजा का इंटरव्यू लेते थे।

दसवीं तक हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाली पूजा ने सिविल सर्विसेस परीक्षा में 163वां स्थान पाकर सफलता का ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया। जो आज हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने जीवन में कुछ बनना चाहता है, सफल होना चाहता है।

प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा

पूजा के पिता कॉलेज में लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत हैं। जिससे घर में हमेशा एक अच्छा शैक्षिक वातावरण मिला जिसका पूजा को आगे जाकर काफी फायदा हुआ। पूजा ने दसवीं कक्षा तक स्थानीय विद्यालय में हिंदी माध्यम से पढ़ाई की।

उसके बाद उनके पिता ने उन्हें डिप्लोमा इंजीनियरिंग करने के लिए स्थानीय राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कोटा में एडमिशन दिला दिया। शिक्षा के क्रम में पूजा ने 2011 में जानकी देवी बजाज राजकीय कन्या महाविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। इसके साथ ही पूजा ने पहले ही साल में पटवारी की परीक्षा दी लेकिन वह फेल हो गयी लेकिन हार नहीं मानी ग्रेजुएशन फाइनल ईयर में एक बार पुनः पटवारी की परीक्षा दी और इस बार वो पास हो गयी। लेकिन पूजा ने जॉइन नहीं किया क्योंकि अब उनकी मंजिल कुछ और थी। जिसके पाना उनका एकमात्र लक्ष्य।

लक्ष्य का निर्धारण

सिविल सर्विसेस जॉइन करने का विचार बचपन से ही उनके मन में घर बनाये हुए था और अब इस चाह ने पूरी तरह दिल ओ दिमाग को तैयार कर लिया था इस कठिन परीक्षा को पास कर खुद को सफल बनाने के साथ-साथ समाज के लिए कुछ करने का, परिवर्तन की नई सुबह लाने का।

ias pooja parth

IAS Pooja Parth मध्यम वर्गीय परिवार में पांच भाई बहनों के बीच पली बढ़ी थी और उनके पिता उन्हें हमेशा अपने पैरों पर खड़े होने और पढने के लिए प्रेरित करते रहते थे। जिससे उनका आत्म विश्वास और हौंसला सदैव बना रहता था।

परीक्षा की तैयारी

पूजा ने इस परीक्षा की तैयारी शुरू की और क्योंकि उस समय वो 21 वर्ष की भी नहीं थी तो उन्होंने MA में दर्शनशास्त्र विषय से प्रवेश ले लिया। 2013 में उन्होंने राजस्थान RAS pre की परीक्षा भी दी और सामान्य ज्ञान व कर्रेंट अफेयर्स के लिए न्यूज पेपर और प्रतियोगिता दर्पण को निरंतर रूप से पढ़ा।

MA के आखिरी साल पूजा ने UPSC pre की परीक्षा दी और pre की परीक्षा के बाद से ही वो अपने मुख्य विषय पर पूरा ध्यान देने लगीं। जिससे उन्हें मुख्य परीक्षा के साथ-साथ उनकी MA की परीक्षा में भी मदद मिल जाये। जैसे ही उनके pre का परिणाम आया और उनका चयन मुख्य परीक्षा के लिए हुआ, उन्होंने सामान्य ज्ञान के चारों विषयों पर फोकस किया। देश-दुनिया की खबरों, विशेषज्ञों के लेख आदि लगातार पढ़े। जिससे उन्हें बहुत मदद मिली। इस कठिन परीक्षा की पूरी तैयारी पूजा ने स्वयं की कोई भी कोचिंग जॉइन नहीं की।

इस पेपर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है निबंध, जिसे क्रमवार रूप में लिखने के लिए पूजा बताती हैं, प्रतियोगिता दर्पण के लेखों से उन्हें काफी मदद मिली। इंटरव्यू जो इस परीक्षा का निर्णायक मोड़ है, उसके लिए पूजा ने अपने पिता के साथ प्रैक्टिस की और अंततः आज परिणाम हमारे सामने है। अपने संघर्षों के बल पर पूजा ने 163वीं रैंक हासिल की और वे IAS Pooja Parth बनीं।

अगर जीवन में कुछ ठान लो और अगर आपका इरादा पक्का है तो आपकी सफलता निश्चित है।

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4 Comments

  • Vandana Gangwar, July 30, 2020 @ 1:18 am Reply

    I a s ka paper cross karne mein aapki madad

  • Jogendra Shekhawat, July 30, 2020 @ 5:44 pm Reply

    प्रथम प्रयास में एवं सबसे छोटी उम्र में IAS बनने वाली पूजा वाकई सर्वश्रेष्ठ पूजा ही है

  • बबीता वाधवानी, July 31, 2020 @ 1:03 am Reply

    बधाई पूजा पार्थ को। आई ए एस बनने के बाद कितनी ईमानदारी से काम किया ये बहुत महत्वपूर्ण होगा। शुभकामनाएँ कि निडरता से फर्ज का पालन करने में समर्थ रहेंगी।

  • Sunil Kumar, August 1, 2020 @ 11:57 am Reply

    बधाई हो पूजा इतने कम उम्र मे ऐसी मुकाम हासिल की

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